खरमास की अवधि मकर संक्रांति तक रहेगी. इस दौरान सूर्य देव की चाल मंद होती है इसलिए कोई मांगलिक कार्यक्रम नहीं किए जाते. केवल भगवान की आराधना और तीर्थ यात्रा को सबसे उत्तम माना गया है. ऐसे में सुबह के समय सूर्य नमस्कार करने से व्यक्ति को सुख-समृद्धि, मान-सम्मान, यश-कीर्ति और आरोग्यता सब प्राप्त होती है.
शिक्षा और करियर में कामयाबी के लिए रोज सुबह सूर्य को अर्घ्य देने से काफी लाभ मिलता है. जो व्यक्ति बार-बार दुर्घटना के शिकार होते हों या जिन्हें अक्सर चोट लगती हो, उनको सूर्य देव की आराधना जरूर करनी चाहिए. कहते हैं उगते सूर्य को अर्घ्य देने से व्यक्ति की सेहत पर भी चमत्कारिक प्रभाव पड़ता है. सूर्य की किरणों को जल की धार में देखने पर आंखों की रोशनी बढ़ती है. अगर किसी व्यक्ति के पास योग या व्यायाम करने का समय नहीं है, तो उसके लिए सूर्य नमस्कार सबसे अच्छा रहेगा. सूर्य की आराधना करने से व्यक्ति के जीवन में अन्न-धन और भौतिक वस्तुओं की कोई कमी नहीं रहती. उसे पूर्णसुख का अनुभव होता है.