देवों के देव महादेव का ना आरंभ है और ना ही अंत. कोई उन्हें भगवान शिव कहता है तो कोई उन्हें भोलेनाथ. जिस तरह भगवान विष्णु ने सृष्टि के कल्याण के लिए मोहिनी रूप धारण किया, उसी तरह भगवान शंकर को भी अर्धनारीश्वर कहा जाता है.
पौराणिक कथा के अनुसार सृष्टि के निर्माण के समय ब्रह्मा जी को कुछ दुविधा हुई. उन्होंने सोचा कि उनकी सारी रचनाएं जीवनोपरांत नष्ट हो जाएंगी. इस तरह से उन्हें हर बार नए सिरे से सृष्टि का निर्माण करना होगा. अपनी समस्या के समाधान के लिए वो महादेव के पास गए. ब्रह्मा जी का आशय जानकर भगवान शिव अर्धनारीश्वर के रूप में प्रकट हुए. उनका आधा भाग शिव के रूप में और आधा भाग शिवा यानि शक्ति के रूप में था. शिव जी ने स्त्री और पुरुष दोनों की उत्पत्ति के लिए ही ये रूप धरा था. धरती पर प्रकट हुए पहले पुरुष का नाम मनु और स्त्री का नाम शतरूपा था. मनु की संतान होने के कारण इंसान को मानव कहा गया.