हिंदू धर्म में हनुमानजी की पूजा का विशेष महत्व है। संकटों को दूर करने वाले बजरंगबली का प्रिय दिन मंगलवार और प्रिय महीना ज्येष्ठ मास माना गया है। कहते हैं कि इसी ज्येष्ठ मास में ही त्रेता युग में पहली बार भगवान राम और हनुमान जी की मुलाकात हुई थी। ज्येष्ठ मास में पड़ने वाले बड़े मंगल पर रामभक्त हनुमान की पूजा के साथ-साथ जगह-जगह भोग और प्रसाद का वितरण होता है।
ज्येष्ठ मास में पड़ने वाले मंगलवार के दिन भगवान राम के परम भक्त हनुमान जी की पूजा करना विशेष फलदायी माना जाता है। ज्येष्ठ मास में इस बार चार बड़े मंगल पड़ेंगे। हिंदू पंचांग के अनुसार, 22 मई की शाम को 6:48 बजे पूर्णिमा तिथि शुरू होगी जो 23 मई की शाम 7: 23 बजे समाप्त हो जाएगी। वहीं, ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष का आरंभ प्रतिपदा तिथि यानि 24 मई से होगा। इसी दिन से ज्येष्ठ माह की शुरुआत होगी। ऐसे में 28 मई को पहला बड़ा मंगल पड़ेगा।
कब-कब है बड़ा मंगल ?
पहला बड़ा मंगल – 28 मई 2024
दूसरा बड़ा मंगल – 4 जून 2024
तीसरा बड़ा मंगल – 11 जून 2024
चौथा बड़ा मंगल – 18 जून 2024
त्रेता युग में जब पहली बार भगवान श्रीराम से मिले हनुमान जी
एक पौराणिक कथा के अनुसार, रावण द्वारा मां सीता के हरण के बाद जब भगवान श्रीराम और लक्ष्मण जी उनकी खोज में इधर-उधर जंगलों में भटक रहे थे, तब ऋष्यमूक पर्वत के पास हनुमान जी एक साधु के भेष में उनसे मिलने आए थे। यहां पर पहली बार वे भगवान श्रीराम से मिले और उनके दर्शन किए। कहते हैं, एक परम भक्त की अपने आराध्यदेव से ये पहली मनोहर और दिव्य भेंट ज्येष्ठ मास के मंगलवार के दिन ही हुई थी।
ज्येष्ठ मास में पड़ने वाले बड़े मंगलवार के दिन लोग शुभ कार्य करते हैं। इस महीने प्यासे को पानी पिलाना चाहिए। इसके अलावा इस महीने में किए गए दान-पुण्य से बड़े फल की प्राप्ति होती है, क्योंकि ये साल का सबसे बड़ा महीना होता है।