पौष मास को लघु पितृ पक्ष कहा जाता है. इस महीने 23 दिसंबर को पड़ने वाली पौष अमावस्या का विशेष महत्व है. इस दिन को पूर्वजों के श्राद्ध कर्म और तर्पण के लिए सर्वोत्तम माना जाता है.
पौष अमावस्या तिथि 22 दिसंबर को शाम 7:13 बजे से 23 दिसंबर को दोपहर 3:46 बजे तक रहेगी. उदयातिथि के कारण पौष अमावस्या शुक्रवार को पड़ने से स्नान-दान और तर्पण करने के अलावा माता लक्ष्मी की विशेष आराधना करने पर धन से जुड़ी परेशानी दूर होती है. इस दिन को पितृ दोष से मुक्ति के लिए बेहद खास माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि पौष अमावस्या के दिन श्राद्ध कर्म और तर्पण करने से पूर्वजों का आशीर्वाद मिलता है और जीवन में खुशहाली बनी रहती है. इस दिन शुभ वृद्धि योग का भी निर्माण हो रहा है. दरअसल पौष अमावस्या को एक अशुभ दिन माना जाता है. इस दिन नकारात्मक ऊर्जा ज्यादा शक्तिशाली होती हैं. इसलिए इस दिन को मृत पूर्वजों के श्राद्ध कर्म और तर्पण के लिए अधिक उपयुक्त माना जाता है.