इस समय छठ पर्व की धूम हर तरफ है. लोग सुख-समृद्धि और संतान प्राप्ति के लिए छठ का महापर्व मनाते हैं. छठ पूजा से संतान की लंबी आयु की कामना की जाती है. छठ पूजा से सूर्य देव और छठी माता का आशीर्वाद प्राप्त होता है और जीवन खुशहाल होता है.
छठी माता को सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा जी की मानस पुत्री माना गया है. इन्हें सूर्य देव की बहन के रूप में भी बताया जाता है. छठ पूजा के दौरान सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है, ऐसा करने से शरीर रोगमुक्त होता है और सूर्य देव की कृपा हमेशा बनी रहती है. पौराणिक कथा के अनुसार महाभारत में कर्ण का जन्म सूर्य देव के वरदान से ही हुआ था. कर्ण सूर्य देव के परम भक्त थे और उन्हीं से उसे कवच और कुंडल वरदान स्वरूप मिले थे. कर्ण के बारे में कहा जाता है कि वो रोज सुबह बिना कुछ खाए-पिए पानी में खड़े होकर सूर्य देव को अर्घ्य देते थे. इसके अलावा एक कथा ये भी है कि जब महाभारत में पांडव कौरवों से जुएं में सब कुछ हार गए थे, तब द्रौपदी ने कष्टों से मुक्ति के लिए छठी मैया की पूजा-अर्चना की थी.