कहते हैं ब्रह्मलोक में ब्रह्मा जी, कैलाश पर्वत पर शिव जी और वैकुंठ में विष्णु जी वास करते हैं. वैकुंठ को विष्णुलोक भी कहा जाता है. ऐसा माना जाता है कि मृत्यु के बाद पुण्यात्मा वैकुंठ धाम जाती है.
पुराणों के अनुसार वैकुंठ लोक की स्थिति स्वर्ग के ऊपर, धरती पर और समुद्र में बताई गई है. कहते हैं वैकुंठ में जाने के बाद पुण्यात्मा कुछ समय के लिए आनंद प्राप्त करती है और फिर मृत्युलोक चली जाती है, लेकिन मोक्ष मिलने के बाद भगवान के परमधाम जाने वाली पुण्यात्मा हमेशा-हमेशा के लिए जीवन और मरण के चक्र से मुक्ति पा जाती है. यहां से जीवात्मा कभी भी वापस नहीं आ पाती. कहते हैं भगवान का ये परमधाम सबसे ऊपर है और यहां केवल आनंद की ही अनुभूति होती है. ये धाम अपने आप ही प्रकाशित है. इस धाम में केवल पुण्यात्मा ही जा पाती है.