नक्षत्र मंडल के कुल 27 नक्षत्रों में मूल का 19वां स्थान है. नक्षत्रों में से 3 नक्षत्र गंड के और 3 नक्षत्र मूल के होते हैं. ऐसा कहा जाता है कि मूल में जन्म लेने वाले बच्चों के स्वास्थ्य पर असर पड़ता है, इसलिए इसके लिए मूल शांति की पूजा का विधान है.
मूल नक्षत्र में जन्म लेने वाले बच्चों पर गुरू और केतु का प्रभाव जीवनभर रहता है. मूल के बच्चे स्वभाव से जिद्दी लेकिन अपने कार्य के प्रति हमेशा ईमानदार रहते हैं. वे अपने लक्ष्य को पाने के लिए हमेशा गंभीर रहते हैं. मेष राशि और अश्विनी नक्षत्र में जन्म लेने वाले बच्चों को हनुमान जी की पूजा करना चाहिए, वहीं सिंह राशि और मघा नक्षत्र के बच्चों को रोज सुबह सूर्य देव को जल चढ़ाना चाहिए. धनु राशि और मूल नक्षत्र होने पर गायत्री मंत्र का पाठ करें जबकि कर्क राशि और अश्लेषा नक्षत्र होने पर शिव जी की आराधना करें. वहीं वृश्चिक राशि और ज्येष्ठा नक्षत्र होने पर बजरंग बली की पूजा की जाए और मीन राशि एवं रेवती नक्षत्र होने पर गणपति की पूजा करना अच्छा रहता है.