जिसका जन्म हुआ है उसकी मृत्यु निश्चित है. जिस दिन और जिस समय पर मृत्यु होनी है वो भी तय है. जिसके जीवन में नियति ने जो निर्धारित किया है बिल्कुल वैसा ही होगा. बस व्यक्ति को चाहिए कि वो अपना कर्म करता रहे.
पौराणिक कथा के अनुसार एक दिन भगवान विष्णु की सवारी गरुड़ देव भ्रमण के लिए निकले, उन्होंने देखा एक कबूतर कांप रहा है. गरुड़ ने उस कबूतर से कारण पूछा तो उसने कहा कि यमराज ने मुझे देखते हुए बोला कि कल सुबह इस अभागे की मौत हो जाएगी. गरुड़ देव ने प्राण संकट में जानकर उसकी जान बचानी चाही. उन्होंने कबूतर को काफी दूर एक पर्वत की सुरक्षित गुफा में ले जाकर छोड़ दिया. इसके बाद गरुड़ देव यमराज के यहां पहुंचे और पूरी कहानी बताई. तब उन्होंने पहले से लिखी उस कबूतर की मृत्यु के बारे में बताया कि उसकी मृत्यु एक गुफा में विषैले सांप के काटने से होगी, और वो समय अब से कुछ देर पहले ही पूरा हुआ है. ये सुनकर गरुड़ देव विष्णु जी के पास गए. तब नारायण ने उनसे कहा कि नियत समय पर मरने से कोई बच नहीं सकता. जैसा तय है वैसा ही होता है.