व्यक्ति के जीवन में माता-पिता के अलावा गुरु का भी विशेष स्थान होता है. गुरु के सानिध्य में ही व्यक्ति का मार्ग प्रशस्त होता है. वैसे तो हर महीने पूर्णिमा होती है लेकिन आषाढ़ माह की पूर्णिमा कुछ खास होती है, इसे ‘गुरु पूर्णिमा’ कहते हैं. इस बार गुरु पूर्णिमा 3 जुलाई को है और इस दिन विशेष संयोग भी बन रहा है.
आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि 2 जुलाई की रात्रि 8 बजकर 21 मिनट से शुरू होकर 3 जुलाई को शाम 5 बजकर 8 मिनट पर खत्म होगी. इस दिन लोग अपने गुरुओं को याद करते हुए जप और ध्यान करते हैं. कहते हैं इस दिन गुरु के आशीर्वाद से व्यक्ति को धन-संपत्ति, सुख-शांति और यश-कीर्ति प्राप्त होती है. ज्योतिषियों के अनुसार गुरु पूर्णिमा के दिन विशेष संयोग भी बन रहा है. इस दिन ब्रह्म योग और इंद्र योग का निर्माण हो रहा है. गुरु पूर्णिमा के दिन ही महाभारत की रचना करने वाले महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था, इसलिए इसे ‘व्यास पूर्णिमा’ भी कहा जाता है. गुरु पूर्णिमा के दिन गुरुओं के आशीर्वाद से जीवन में सब मंगल होता है. इस दिन को गुरु से मन्त्र प्राप्ति के लिए भी श्रेष्ठ माना गया है.