4 जुलाई यानि मंगलवार से श्रावण मास की शुरुआत हो रही है. सावन का महीना भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है. ऐसा कहा जाता है कि श्रावण मास में शिव जी की आराधना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है. इस बार श्रावण मास की शुरुआत मंगला गौरी व्रत से होगी.
सावन के पहले दिन महिलाएं,, भगवान शंकर के साथ माता पार्वती की पूजा-अर्चना करती हैं. भगवान शिव और माता पार्वती के आशीर्वाद से महिलाओं को संतान, अखंड सौभाग्य और सुखी दांपत्य जीवन मिलता है. ज्योतिषियों के अनुसार श्रावण मास के पहले दिन पूर्वाषाढा नक्षत्र है. पूर्वाषाढा नक्षत्र के अलावा इस दिन इंद्र योग और वैधृति योग का भी निर्माण हो रहा है. पूर्वाषाढा नक्षत्र और इन्द्र योग को काफी शुभ माना जाता है. सावन के पहले दिन त्रिपुष्कर योग भी बन रहा है. कहते हैं त्रिपुष्कर योग में शुभ कार्य और पूजा पाठ करने से उसका तीन गुना फल प्राप्त होता है.