नौ ग्रहों में राजकुमार कहे जाने वाले बुध ग्रह को बुद्धि, वाणी, संचार और कौशल का कारक माना जाता है. किसी व्यक्ति के जीवन में बुध की महादशा 17 साल के लिए आती है. कुंडली में बुध ग्रह की स्थिति मजबूत होने पर उसकी महादशा के समय शुभ फल की प्राप्ति होती है, वहीं बुध की खराब स्थिति होने पर उसकी महादशा आने पर उसे कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
ज्योतिष के अनुसार बुध की महादशा में अगर कुंडली में ये ग्रह मजबूत स्थिति में है तो व्यक्ति किसी भी परिस्थिति में खुद को ढाल सकता है. वो अपने जीवन को मौज-मस्ती के साथ जीता है और अच्छे लोगों से प्रभावित होता है. अपने ज्ञान और कला के माध्यम से व्यक्ति को धन और यश दोनों ही प्राप्त होता है. वहीं, कुंडली में बुध ग्रह की कमजोर स्थिति होने पर व्यक्ति की बुद्धि पर इसका विपरीत प्रभाव देखने को मिलता है. व्यक्ति की एकाग्रता में कमी आने से वो अपने लक्ष्य से भटक जाता है.