रिश्ते किसी न किसी रूप में जरूरत के वक्त एक दूसरे के साथ कंधे से कंधा मिलाए खड़े रहते हैं,, ये रिश्ता चाहे माता-पिता का हो, भाई-बहन का हो, या फिर पति-पत्नी का हो. वैसे तो सभी रिश्ते अनमोल हैं लेकिन पति-पत्नी के बीच का रिश्ता अच्छा होना सुखी जीवन के लिए बहुत जरूरी है.
कुंडली का सप्तम भाव वैवाहिक जीवन को दर्शाता है. कुंडली के इस भाव में अगर शनि, सूर्य, बृहस्पति, मंगल, राहु जैसे ग्रह हों या इन ग्रहों की दृष्टि पड़े तो व्यक्ति का वैवाहिक जीवन परेशानियों से घिरा रहता है. कुंडली के सप्तम भाव में सूर्य का होना तलाक का कारण तक बन सकता है. कुंडली में मंगल की स्थिति ठीक न हो तो भी वैवाहिक जीवन में कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है. अगर एक की कुंडली में बुध मजबूत हो और दूसरे में चन्द्रमा मजबूत तो पति-पत्नी के बीच में धन संबंधी विवाद होता है. पति-पत्नी चाहें तो जीवन में ग्रहों की स्थिति को बेहतर बना सकते हैं इसके लिए जरूरी है कि दोनों एक-दूसरे को ठीक से समझें और मिलकर फैसला लें. इसके अलावा वैवाहिक जीवन में प्रेम बनाए रखने के लिए लक्ष्मी माता की उपासना की जाए.