ज्योतिष में जहां एक ओर लग्न से व्यक्ति का जीवन और उसका स्वभाव पता किया जाता है, वहीं दूसरी ओर लग्न का विपरीत भाव यानि सप्तम भाव व्यक्ति की मृत्यु को बताता है. कुंडली में जितना महत्व लग्न का है उतना ही महत्व मारकेश का है. मारकेश का सामान्य अर्थ है ऐसे ग्रह जिनकी वजह से व्यक्ति को मृत्यु अथवा मृत्यु के समान कष्ट हो.
दरअसल कुंडली में कुछ ग्रह ऐसे होते हैं जो अपनी महादशा और अंतरदशा में काफी अशुभ फल देते हैं. इन दशाओं में व्यक्ति को मृत्यु या मृत्यु जैसा कष्ट मिलता है. व्यक्ति का जीवन कठिनाइयों से भर जाता है. ये ग्रह ही मारक या मारकेश कहलाते हैं. हर लग्न के लिए मारकेश अलग-अलग होते हैं. मारकेश देखने के लिए दूसरे भाव, छठे भाव, सातवें भाव, अष्टम भाव और द्वादश भाव पर विचार करना चाहिए. जब बात मारकेश की होती है तो अष्टम भाव का भी विशेष महत्व होता है क्योंकि इसी भाव से व्यक्ति की आयु पर विचार किया जाता है.