नवरात्रि में मां भगवती के सभी नौ रूपों की आराधना होती है. माता के शक्तिपीठों की बात करें तो पुराणों में मुख्य रूप से 51 शक्तिपीठों का ज़िक्र है, इनमें से 42 भारत में, 4 बांग्लादेश में, 2 नेपाल में, 1 पाकिस्तान में, 1 श्रीलंका में, 1 तिब्बत में हैं. आइये जानते हैं कि भारत के बाहर स्थित इन शक्तिपीठों में माता सती का कौन सा अंग गिरा.
पड़ोसी देश बांग्लादेश में शिकारपुर के पास स्थित सुगंधा मंदिर में माता की नाक गिरी. इसके अलावा बांग्लादेश के ही चटगांव के पास स्थित चट्टल के भवानी मंदिर में माता की दाईं भुजा, भवानीपुर के पास करतोया नदी के तट पर स्थित अपर्णा मंदिर में माता का वाम तल्प और खुलना के यशोरेश्वरी मंदिर में माता की बाईं हथेली गिरी. वहीं नेपाल के गंडकी में स्थित मुक्ति नाथ मंदिर में माता के गाल और काठमांडू के गुजरेश्वरी मंदिर में माता के दोनों घुटने गिरे. श्रीलंका के त्रिंकोमाली के पास स्थित मंदिर में माता के पायल गिरे. तिब्बत में मानसरोवर के पास स्थित मानस मंदिर में माता की दाईं हथेली गिरी. पाकिस्तान के बलूचिस्तान में स्थित हिंगलाज माता के मंदिर में मस्तिष्क भाग गिरा.