आज से शारदीय नवरात्र की शुरुआत हो गई है. नवरात्रि के नौ दिन महाशक्ति के विभिन्न स्वरूपों की पूजा होती है. लोग पहले दिन कलश स्थापना करते हैं और फिर विधिवत माता का पूजन करते हैं. इसके अलावा नवरात्रि के पहले दिन से रामलीला की भी शुरुआत हो जाती है.
अगले नौ दिन आस्था, भक्ति और साधना के माने गए हैं. पहले दिन मां शैलपुत्री, दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी, तीसरे दिन मां चंद्रघंटा, चौथे दिन मां कुष्मांडा, पांचवे दिन मां स्कंदमाता, छठे दिन मां कात्यायनी, सातवें दिन मां कालरात्रि, आठवें दिन मां महागौरी और नौवें दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा अर्चना की जाती है. कहते हैं मां पार्वती ने निराहार होकर कठोर तपस्या से शिव जी को प्रसन्न किया था. इसलिए इन्हें तपश्चारिणी और साक्षात ब्रह्म का स्वरूप होने के कारण ब्रह्मचारिणी के नाम से जाना जाता है. नवरात्रि के दूसरे दिन इन्हीं मां ब्रह्मचारिणी की पूजा का विधान है. ऐसा माना जाता है कि नवरात्रि में माता पृथ्वी पर आकर भक्तों को आशीष प्रदान करती हैं. माता के आशीर्वाद से व्यक्ति को सुख और समृद्धि मिलती है. नवरात्रि के दिनों में दुर्गा चालीसा और दुर्गा सप्तशती का पाठ करना अच्छा रहता है.