प्रभु श्रीराम के भक्तों में सबसे पहला नाम अगर किसी का आता है तो वो रूद्रावतारी हनुमान जी हैं. कहते हैं कलयुग में ईश्वर के दो ही रूप धरती पर साक्षात विद्यमान हैं,, एक मां दुर्गा और दूसरे बजरंग बली. ज्योतिष की बात की जाए तो मंगल ग्रह के कारक देव ही हनुमान जी हैं.
मंगल एक अग्नि तत्व ग्रह है. मंगल ग्रह मेष और वृश्चिक राशि का स्वामी होता है. ये मकर राशि में उच्च और कर्क राशि में नीच का होता है. सूर्य, चंद्रमा और बृहस्पति को मंगल का मित्र और बुध को इसका शत्रु ग्रह माना गया है जबकि शुक्र और शनि का मंगल से समभाव रहता है. ज्योतिषियों की मानें तो कुंडली में मंगल का सीधा संबंध हमारे स्वभाव पर पड़ता है. मंगल की स्थिति कमजोर होने पर मन में तरह तरह के नकारात्मक विचार आने लगते हैं. व्यक्ति को जीवन में आलस्य घेरे रहता है. ऐसे में योग के जरिए अपने शरीर को मजबूत करते हुए मंगल ग्रह को उच्च किया जा सकता है. इसके लिए पद्मासन, मयूरासन, शिथिलीकरण या तितली आसन प्राणायाम बहुत लाभकारी रहेंगे.