विघ्नविनाशक यानि बाधाओं का विनाश कर कार्य को सफल बनाने वाले गणपति को प्रथम पूजनीय माना गया है. किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत गणेश जी के पूजन के बिना संभव नहीं है. घर में कोई अनुष्ठान हो, हवन हो या पूजा हो,,,सबसे पहले गणेश भगवान का ही आह्वान किया जाता है. ऐसा कहा जाता है कि गणेश जी को उनके पिता भगवान भोलेनाथ से ये वरदान मिला है कि जब तक गणपति की पूजा नहीं होगी तब तक किसी भी देवता की पूजा स्वीकार नहीं होगी.
पौराणिक कथा के अनुसार एक बार शिव जी ने क्रोध में आकर गणेश जी का सिर त्रिशूल से काट दिया था, तब माता पार्वती के कहने पर उन्होंने एक हाथी के बच्चे का सिर गणेश जी के सिर पर लगा दिया था. तभी से गणेश जी को गजमुखाय का नाम भी मिला. भगवान गणेश हर विघ्न बाधा को दूर करते हैं इसलिए बुधवार के दिन महिलाएं खासकर अपने पति की लंबी आयु के लिए गणेश जी की पूजा जरूर करती हैं. ऐसी मान्यता है कि गणेश जी की पूजा करने से पति को लंबी आयु मिलती है और दुख-दरिद्रता दूर होती है.