कहते हैं तंदरुस्ती हजार नियामत है. जब शरीर स्वस्थ्य रहेगा तो मन भी स्वस्थ रहेगा. ज्योतिष के अनुसार सभी ग्रहों का शरीर के किसी न किसी अंग से कनेक्शन जरूर है. इसलिए योग और जप के जरिए शरीर और ग्रहों को मजबूती प्रदान की जा सकती है. जहां योग शरीर को अंदरूनी ताकत देता है, वहीं रोजाना जप करने से व्यक्ति के मन और मस्तिष्क पर विशेष प्रभाव पड़ता है. जप करने के भी तीन तरीके हैं- पहला मुंह से स्पष्ट उच्चारण के जरिए किया जाने वाला जप. दूसरा एकदम हल्के स्वर में किया जाने वाला जप और तीसरा मन में किया जाने वाला जप.
ग्रहों की बात करें तो सूर्य का सीधा प्रभाव व्यक्ति के आत्मविश्वास पर पड़ता है. कुंडली में कमजोर सूर्य हृदय रोग और दृष्टि संबंधी समस्याएं पैदा करता है. जिसको दूर करने के लिए रोजाना सूर्य नमस्कार, अनुलोम-विलोम, भस्त्रिका प्राणायाम करना चाहिए. इसके अलावा कुंडली में चंद्रमा मन का कारक होता है. कमजोर चंद्रमा के कारण तनाव और बेचैनी की समस्या उत्पन्न हो सकती है, जिसको दूर करने के लिए व्यक्ति को ओम के उच्चारण के अलावा अनुलोम-विलोम प्राणायाम करने की सलाह दी जाती है.