सृष्टि के पालक भगवान विष्णु हैं और उनकी शरण में आने वाला बस उन्ही का हो जाता है. एक दृष्टि से देखा जाए तो मनुष्य के अंदर ही भगवान हैं, इसलिए कहा जाता है नर ही नारायण हैं. व्यक्ति चाहे तो कठोर तप या साधना के ज़रिए ईश्वर की कृपा को प्राप्त कर सकता है.
– एकादशी तिथि से एक दिन पहले यानि दशमी को दिन ढलने से पहले शाम को ही भोजन कर लें, रात्रि में भोजन ना करें. भोजन में चावल का सेवन बिल्कुल ना करें.
– दशमी तिथि को ही भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें.
– एकादशी तिथि को सुबह स्नान के बाद भगवान विष्णु की आराधना करें.
– एकादशी व्रत के दौरान केवल फलाहार ही लें.
– इस दिन किसी को अपशब्द ना कहें और ना ही किसी की निंदा करें. इसके अलावा मन में किसी तरह के बुरे विचार ना लाएं.
– एकादशी की रात्रि में भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए भजन-कीर्तन करें.