रामायण में श्रीराम के चरित्र के द्वारा ये बतलाने की कोशिश की गई कि अगर मानव जन्म हुआ है तो व्यक्ति के जीवन में सुख और दुख दोनों आएंगे, फिर चाहे वो भगवान ही क्यों न हों.
लंका पर चढ़ाई करने से पहले जब सेतु का निर्माण हो रहा था तो नल और नील के द्वारा समुद्र में राम का नाम लिखा हुआ पत्थर फेंका गया और वो डूबा नहीं. ये राम नाम की ही महिमा थी जिसके कारण वो पत्थर समुद्र में तैरता रहा. तभी तो ऐसा माना जाता है कि राम के नाम का तीन बार उच्चारण करने से कई देवताओं को स्मरण करने जैसा पुण्य मिलता है. कहा तो ये भी जाता है कि भगवान शंकर कैलाश पर्वत पर तपस्या के दौरान राम के नाम का ही स्मरण करते हैं. अग्नि बीज और अमृत बीज से मिलकर बना राम का नाम व्यक्ति के शरीर, आत्मा और दिमाग को शक्ति प्रदान करता है.