दीपों का त्योहार दीपावली हर साल कार्तिक महीने की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है. इस दिन घर को साफ-सुथरा करके उसकी सजावट की जाती है. ऐसा माना जाता है कि इससे धन की देवी माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और उनका घर में आगमन होता है.
दीपावली मनाने के पीछे एक ये भी परंपरा है कि इस दिन भगवान विष्णु के अवतार प्रभु श्रीराम रावण का वध करके माता सीता के साथ वापस अयोध्या लौटे थे. इसी खुशी में लोग दिवाली मनाते हैं और जमकर आतिशबाजी करते हैं. दिवाली के दिन भगवान गणेश, माता लक्ष्मी और कुबेर की पूजा का विधान है. इनके अलावा विद्या की देवी सरस्वती की भी पूजा होती है. इस बार अमावस्या तिथि 24 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 28 मिनट से शुरू हो रही है. वहीं लक्ष्मी-गणेश पूजन का शुभ मुहूर्त 24 अक्टूबर को शाम 6:53 से रात 8:16 तक रहेगा. दिवाली की ही सुबह यानि चतुर्दशी तिथि को प्रभु श्रीराम के अनन्य भक्त और बल, बुद्धि, विद्या के सागर कहे जाने वाले हनुमान जी का जन्मोत्सव होता है. कहते हैं जहां प्रभु श्रीराम का गुणगान और उनकी भक्ति होगी, वहां हनुमान जी जरूर विद्यमान होंगे.