सूर्य पुत्र शनि का 9 ग्रहों में विशेष स्थान है. कुंडली में शनि अपनी स्थिति और व्यक्ति के कर्मों के आधार पर फल प्रदान करते हैं. अगर व्यक्ति अपने जीवन में घटित होने वाली कुछ चीजों पर गौर करे तो उसे पता लग सकता है कि शनि देव की उसपर कृपा है या नहीं.
किसी व्यक्ति के अगर सभी कार्य आसानी से बन जा रहे हैं और उसके जीवन में किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं है तो निश्चित तौर पर शनि देव उससे प्रसन्न हैं. इसके अलावा कुंडली में अच्छा शनि आकस्मिक धन लाभ कराता है. साथ ही समाज में मान-सम्मान और प्रतिष्ठा भी दिलाने का कार्य शनि देव की कृपा से होता है. अगर व्यक्ति को लोहे और चमड़े के व्यापार में फायदा हो रहा है तो कहीं न कहीं शनि देव उससे प्रसन्न जरूर हैं. वहीं दिव्यांगजनों, मजदूरों, कमजोर और गरीब वर्ग के लोगों का आपसे प्रसन्न रहना भी शनि देव की ही कृपा दर्शाती है. कुंडली में प्रबल शनि व्यक्ति को न्यायप्रिय, लंबी आयु वाला, परिश्रमी और हार ना मानने वाला बनाता है. उसमें छिपे रहस्यों को जान लेने की अद्भुत क्षमता होती है.