भगवान विष्णु के अवतार प्रभु श्रीराम अपने 14 वर्ष के वनवास के दौरान कई जगहों पर रुके. भगवान राम ने अपनी वनवास की यात्रा अयोध्या से शुरू करते हुए श्रीलंका पर जाकर खत्म की. रामायण में इस दौरान तमसा नदी, चित्रकूट, दंडकारण्य वन, पंचवटी, ऋष्यमूक पर्वत, रामेश्वरम और धनुषकोडी का जिक्र आता है.
रामायण काल में वानर राज बाली की नगरी कही जाने वाली किष्किंधा नगरी दक्षिण भारत के कर्नाटक राज्य में स्थित है. कोप्पल और बेल्लारी जिले को मिलाकर किष्किंधा का राज्य बनता है. किष्किंधा के पास ही ऋष्यमूक पर्वत है. यही वो पर्वत है जिसपर आने के लिए बालि को मातंग ऋषि ने श्राप दिया था, कि अगर वो कभी भी यहां आया तो अपने प्राणों को खो बैठेगा. रामायण के अनुसार जब बालि ने सुग्रीव को अपने राज्य से निकाला तो सुग्रीव,, बाली से बचने के लिए इसी ऋष्यमूक पर्वत पर आकर शरण लिए थे. भगवान राम की भी इसी पर्वत पर हनुमान जी और सुग्रीव से भेंट हुई थी और उन्होंने बाद में बाली का वध किया था.