देवों के देव महादेव को संहार का देवता माना जाता है. भगवान शंकर को भोलेनाथ भी कहते हैं क्योंकि शिव जी अपने भक्तों से बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं. भगवान विष्णु की तरह शिव जी ने भी कई अवतार लिए हैं, उनमें से एक है रूद्र का शरभ अवतार.
पुराणों में शरभ अवतार को भगवान भोलेनाथ का पहला अवतार माना जाता है. इसमें शिव जी का आधा शरीर हिरण का और आधा हिस्सा शरभ पक्षी का था. पौराणिक कथा के अनुसार जब भगवान विष्णु ने हिरण्यकश्यप का वध करने के लिए नृसिंह अवतार लिया था तो शिव जी ने ही शरभ अवतार लेकर नृसिंह भगवान का क्रोध शांत किया था. हिरण्यकश्यप का वध करने के बाद भी जब नृसिंह भगवान अत्यधिक क्रोध में थे तो देवता गण काफी चिंतित हुए और उन्होंने भगवान शंकर से मदद मांगी. फिर भोलेनाथ ने अपने शरभ अवतार में आकर भगवान नृसिंह को अपनी पूंछ में लपेटकर वहां से उड़ लिए, तब जाकर उनका क्रोध शांत हुआ.