महाशिवरात्रि के दिन देवों के देव महादेव और माता पार्वती की विधि विधान से पूजा होती है. ऐसा कहा जाता है कि इस दिन रुद्राक्ष पहनने से व्यक्ति को सभी कष्टों से छुटकारा मिलता है. इसे भगवान शिव का महाप्रसाद माना जाता है. ये व्यक्ति की शत्रु और रोग-दोष से हमेशा रक्षा करता है.
भगवान शिव की पूजा के लिए रुद्राक्ष को बेहद शुभ माना जाता है. ये दो शब्दों से मिलकर बना है रुद्र यानि शिव और अक्ष यानि आंख. ऐसा कहा जाता है कि ये महादेव के आंसुओं से बना है. पौराणिक कथा के अनुसार एक बार त्रिपुरासुर नाम के राक्षस से परेशान होकर ऋषि-मुनियों ने भगवान शिव से अपनी व्यथा सुनाई. उनके कष्ट को सुनने के बाद महादेव योग निद्रा में चले गए. जब शिव जी की आंख खुली तो उनके आंसुओं की कुछ बूंदे पृथ्वी पर जा गिरीं, जो बाद में रुद्राक्ष के पौधे के रूप में विकसित हुईं. इसी पौधे के फल के बीज को रुद्राक्ष कहा जाता है. ये रुद्राक्ष सुख, समृद्धि और शांति का प्रतीक माना जाता है.