व्यक्ति के जन्म के समय ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति के अनुसार ही कुंडली का आंकलन किया जाता है. ज्योतिष में 9 ग्रहों और 12 राशियों के अनुसार व्यक्ति की कुंडली का अध्ययन किया जाता है. इसके अलावा गोचर का भी अपना एक खास महत्व होता है.
अगर नक्षत्रों की बात करें तो 27 नक्षत्रों में से 9 नक्षत्र देव गण से, 9 नक्षत्र मनुष्य गण से और 9 नक्षत्र राक्षस गण से संबंधित होते हैं. अश्विनी, मृगशिरा, पुर्नवासु, पुष्य, हस्त, स्वाति, अनुराधा, श्रावण और रेवती नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति देव गण से संबंध रखते हैं. वहीं भरणी, रोहिणी, आर्दा, पूर्वा फाल्गुनी, उत्तर फाल्गुनी, पूर्व षाढ़ा, उत्तर षाढा, पूर्व भाद्रपद और उत्तर भाद्रपद नक्षत्र के व्यक्ति मनुष्य गण से संबंधित होते हैं. इसके अलावा अश्लेषा, विशाखा, कृत्तिका, चित्रा, मघा, ज्येष्ठा, मूल, धनिष्ठा और शतभिषा नक्षत्र के व्यक्ति राक्षस गण के माने जाते हैं. ज्योतिष में सही और सटीक विश्लेषण करने के लिए नक्षत्र का सहारा लिया जाता है.