महाभारत के युद्ध में जब भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन के रथ के सारथी बने, तब उन्होंने हनुमान जी को अर्जुन के रथ की ध्वजा पर विराजमान होने को कहा. पवनपुत्र ने श्रीकृष्ण की बात मानी और युद्ध के दौरान अर्जुन के रथ की ध्वजा पर विराजे, लेकिन क्या आपको पता है कि इसके लिए हनुमान जी ने भी भगवान से एक खास निवेदन किया था. क्या था वो विशेष निवेदन, आइये जानते हैं-
दरअसल जब भगवान श्रीकृष्ण ने हनुमान जी को अर्जुन के रथ की सुरक्षा का जिम्मा सौंपा, तब हनुमान जी ने उनकी बात का मान रखते हुए अपने मन की इच्छा भी बताई. हनुमान जी ने श्रीकृष्ण से कहा कि प्रभु जिस तरह आपने त्रेता युग में राम अवतार लेकर मुझे युद्ध के साथ-साथ ज्ञान दिया था, उसी तरह महाभारत के युद्ध में भी मुझे ज्ञान का सार दीजिएगा. इसलिए कहा जाता है कि जब भगवान श्रीकृष्ण,, अर्जुन को गीता का उपदेश दे रहे थे, तो वो वास्तव में अर्जुन के अलावा हनुमान जी को भी उनकी इच्छा के अनुसार जीवन का सार समझा रहे थे.