माघ महीने का आखिरी दिन माघ पूर्णिमा कहलाता है. इसे माघी पूर्णिमा भी कहा जाता है. माघ पूर्णिमा के दिन स्नान और दान का विशेष महत्व है. कहते हैं इस दिन गंगा स्नान के बाद दान-पुण्य करने से व्यक्ति पापमुक्त होता है और उसकी कुंडली में सूर्य और चंद्रमा से जुड़ी परेशानियां दूर होती हैं. माघ पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी की आराधना से शुभ फल की प्राप्ति होती है.
इस बार पूर्णिमा तिथि 4 फरवरी को रात 9:29 बजे से 5 फरवरी रात 11:58 बजे तक रहेगी. उदयातिथि के कारण माघ पूर्णिमा 5 फरवरी को रविवार के दिन पड़ रही है. रविवार का दिन सूर्य देव को समर्पित माना गया है, इस वजह से इसका महत्व और भी बढ़ जाता है. ऐसी मान्यता है कि माघ पूर्णिमा के दिन समस्त देवतागण धरती पर भ्रमण के लिए आते हैं. कहा जाता है इस दिन गंगाजल के स्पर्श से शरीर की सभी बीमारियां दूर हो जाती हैं. माघ पूर्णिमा के दिन आयुष्मान योग, सौभाग्य योग, रवि पुष्य योग और सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है, जो किसी काम की शुरुआत के लिए बेहद शुभ माने गए हैं.