हर साल दिवाली के करीब 15 दिन बाद कार्तिक पूर्णिमा को देव दीपावली का पर्व मनाया जाता है. इस बार कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि 7 नवंबर की शाम 4:15 बजे से 8 नवंबर को शाम 4:31 बजे तक रहेगी. 8 नवंबर को चंद्र ग्रहण होने की वजह से देव दीपावली 7 नवंबर यानि आज ही मनाई जा रही है.
पौराणिक कथा के अनुसार, एक समय त्रिपुरासुर नाम के राक्षस के अत्याचार से देवतागण काफी परेशान थे. अपनी समस्या के समाधान के लिए वे शिव जी के पास गए, तब भगवान शंकर ने उन्हें कार्तिक पूर्णिमा के दिन त्रिपुरासुर का वध करने का आश्वासन दिया. त्रिपुरासुर से मुक्ति मिलने के बाद सभी देवताओं ने काशी में दीप जलाकर खुशिया मनाईं. कहते हैं कार्तिक पूर्णिमा के दिन सभी देवी-देवता काशी में गंगा के तट पर दीपावली मनाने जरूर आते हैं. कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान और दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. अगर गंगा स्नान नहीं कर सकते तो घर में ही गंगाजल का प्रयोग कर स्नान कर सकते हैं.