शनि की दृष्टि से सभी लोग डरते हैं. शनि कर्मों के अनुसार महादशा आने पर व्यक्ति को शुभ और अशुभ फल देते हैं. व्यक्ति के जीवन में शनि की महादशा 19 साल के लिए आती है.
शनि की महादशा काफी प्रभावी मानी जाती है. इसका व्यक्ति के जीवन पर शुभ और अशुभ दोनों तरह का प्रभाव पड़ता है. चाहे आर्थिक स्थिति हो, करियर हो या फिर वैवाहिक जीवन,, ये सब कर्मों के आधार पर शनि देव ही तय करते हैं. शनि की 19 साल की महादशा के दौरान सभी ग्रहों की अंतर्दशा भी आती है. शनि की महादशा की शुरुआत शनि की अंतर्दशा से होती है, जो तीन साल तक रहती है. अगर कुंडली में शनि की स्थिति बेहतर हो और वो तीसरे, छठे या एकादश भाव में हो तो व्यक्ति धनवान होता है. कुंडली में शनि उच्च के होने पर भी शुभ फल देते हैं, लेकिन यही शनि अगर कुंडली में अशुभ स्थिति में हैं तो व्यक्ति को नौकरी और व्यापार में असफलता झेलनी पड़ती है. इसलिए शनि की महादशा के दौरान व्यक्ति को भगवान शिव, हनुमान जी और शनि देव की विशेष आराधना करनी चाहिए.