ज्योतिष में कुंडली के 12 भावों में ग्रहों की स्थिति व्यक्ति के जीवन में आने वाले हर उतार-चढ़ाव को दर्शाती है. इन्ही 12 भावों में से एक भाव है अष्टम भाव,, जिसे त्रिक भाव, आयु का भाव या मृत्यु का भाव कहा जाता है. अष्टम भाव को देखकर मुख्य रुप से व्यक्ति की आयु पर विचार किया जाता है.
आयु के अलावा किसी व्यक्ति की कुंडली के अष्टम भाव से उसकी कमाई, बीमारी, दुर्घटनाएं, रुकावटें और परेशानियों को भी देखा जाता है. जीवन में आने वाली बाधाओं और उलझनों को भी ये भाव अच्छी तरह से दर्शाता है. ज्योतिषियों की मानें तो जब किसी शुभ भाव का संबंध अष्टम भाव से होता है तो उसकी शुभता में कमी आती है. संतान भाव हो, विवाह का भाव हो या फिर नौकरी का भाव,, अगर इसका संबंध अष्टम भाव से होगा तो व्यक्ति के जीवन इन सभी क्षेत्रों में व्यवधान आना निश्चित है. इसके अलावा अष्टम भाव से गुप्त प्रेम संबंधों की भी जानकारी मिलती है. इस भाव से व्यक्ति में यौन संबंधी रोगों की भी जानकारी मिलती है.