भगवान विष्णु के अवतार श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव हर साल भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। जन्माष्टमी के दिन राधा-कृष्ण की पूजा का विधान है। कहते हैं भगवान श्रीकृष्ण का जन्म रोहिणी नक्षत्र में हुआ था, इस कारण अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में पूजन करने से घर में सुख-समृद्धि आती है।
इस साल श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व भी दो दिन 6 और 7 सितंबर को मनाया जाएगा। हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 6 सितंबर को दोपहर 3:37 बजे से शुरू होकर 7 सितंबर की शाम 4:14 बजे तक रहेगी। इस साल रोहिणी नक्षत्र 6 सितंबर की सुबह 9 बजे से 7 सितंबर की सुबह 10:25 बजे तक रहेगा। पुराणों में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म रात 12:00 बजे रोहिणी नक्षत्र में हुआ था, इसलिए इस नक्षत्र का विशेष महत्व है। भगवान श्रीकृष्ण की पूजा का शुभ मुहूर्त 6 सितंबर की रात 12:02 बजे से मध्य रात्रि 12:48 बजे तक रहेगा। वहीं ज्योतिषियों की मानें तो 4 राशि वाले लोगों पर भगवान श्रीकृष्ण की खास कृपा दृष्टि रहती है, इनमें वृषभ, कर्क, सिंह और तुला राशि प्रमुख हैं। कहते हैं ये चारों राशियां भगवान श्रीकृष्ण को बेहद प्रिय हैं।