हिंदू धर्म में आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष एकादशी से कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष एकादशी तक 4 महीने बहुत खास माने गए हैं. देवशयनी एकादशी से देवउठनी एकादशी तक 4 महीनों के लिए जगत के पालनकर्ता भगवान विष्णु क्षीर सागर में योग निद्रा में रहते हैं.
इस बार देवशयनी एकादशी 10 जुलाई को है. इस दिन से चातुर्मास की शुरुआत हो जाती है. ऐसा माना जाता है कि देवशयनी एकादशी से लेकर देवउठनी एकादशी तक मौसम में काफी सारे बदलाव होते हैं. इस कारण से शुभ कार्य को वर्जित माना गया है. पौराणिक कथा है कि एक बार असुरराज बलि से विष्णु जी के वामन अवतार ने तीन पग भूमि की मांग की. राक्षसों के गुरू शुक्राचार्य के मना करने के बावजूद बलि ने अपनी दानी प्रवृत्ति के चलते उन्हें तीन पग भूमि देने की बात कही. श्रीहरि ने एक पग में देवलोक, दूसरे पग में भूलोक नाप लिया. तीसरे पग के लिए बलि ने अपना सिर आगे कर दिया. श्रीहरि ने बलि की दानवीरता से प्रसन्न होकर उन्हें पाताल लोक का राजा बनाते हुए सुरक्षा का आशीर्वाद दिया. इसलिए 4 महीने तक भगवान विष्णु क्षीरसागर में निवास करते हैं.