गुरूवार का दिन भगवान विष्णु और देवताओं के गुरू बृहस्पति को समर्पित माना गया है. इस समय भगवान शिव का प्रिय श्रावण मास चल रहा है, ऐसे में शिव जी की विशेष आराधना से कुंडली में गुरू ग्रह से संबंधित दोषों से छुटकारा पाया जा सकता है.
ज्योतिष की बात करें तो अगर कुंडली में गुरू ग्रह कमजोर है या शत्रु ग्रह के साथ है तो व्यक्ति को सावन में गुरूवार का व्रत जरूर रखना चाहिए. श्रावण मास में गुरूवार के दिन पूजा-अर्चना करने और व्रत रखने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद तो मिलता ही है, साथ ही महादेव की भी विशेष कृपा बरसती है. इसके अलावा गुरू दोष से भी मुक्ति मिलती है. भगवान विष्णु और शिव जी के साथ-साथ माता पार्वती और गणेश जी की पूजा से भी लाभ मिलता है. जीवन में आ रही परेशानियों को दूर करने के लिए गुरूवार के दिन शिव चालीसा का पाठ करें और शिवजी को बेसन के लड्डू का भोग लगाएं.