हिंदू कैलेंडर में सावन का महीना सबसे शुभ माना जाता है. श्रावण मास में शिव की आराधना से विशेष फल की प्राप्ति होती है. सोमवार को व्रत रखकर शिव जी की पूजा करने से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं. वैसे तो हर सोमवार भगवान शंकर का दिन होता है, लेकिन सावन के महीने में सोमवार के व्रत का अपना अलग ही महत्व है. हम आपको बताते हैं कि सावन का महीना इतना खास क्यों है–
पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक सावन के महीने में ही देवताओं और राक्षसों के बीच समुद्र मंथन हुआ था. समुद्र मंथन के समय निकली 14 चीजों में से विष का घड़ा भी निकला. सभी की रक्षा करने के लिए भगवान शिव इस विष को पी गए थे, जिससे उनका नाम ‘नीलकंठ’ पड़ गया. विष के प्रभाव को कम करने के लिए देवताओं ने उनके मस्तिष्क पर जल और बेलपत्र डालना शुरू किया. यही वजह है कि शिवलिंग पर जल और बेलपत्र चढ़ाया जाता है. पुराणों में शिव के जलाभिषेक के महत्व को बताया गया है. ऐसा कहा जाता है कि शिव खुद ही जल हैं, इसलिए जल से शिव जी का अभिषेक करने की परंपरा है. सावन के महीने में जल और बेलपत्र से शिव जी की आराधना करने से वो बहुत जल्द ही प्रसन्न हो जाते हैं.