शिव ही आदि हैं और शिव ही अनंत…शिव ही भोलेशंकर हैं और शिव ही संहारक. वैसे तो शिव की साधना कभी भी की जा सकती है लेकिन कुछ खास दिन जैसे सोमवार, शिवरात्रि, प्रदोष और सावन के महीने में उनका पूजन विशेष फलदायी होता है. इनमें से सावन का महीना भगवान भोलेनाथ को अत्यंत प्रिय है. सावन के सोमवार को आराधना करने से शिवशंकर बहुत जल्दी प्रसन्न होते हैं. सावन के सोमवार को मंगलकारी माना गया है. सावन के महीने का इसलिए भी खास महत्व है क्योंकि ये महीना चातुर्मास में आता है. चातुर्मास में आने के कारण ये समय भगवान विष्णु के योगनिद्रा का होता है. इस दौरान पूरे सृष्टि के संचालन का जिम्मा भगवान शंकर पर होता है. अगर ऐसे वक्त में भगवान शिव को प्रसन्न किया जाए तो उनकी विशेष कृपा भक्तों को मिलती है.
सावन सोमवार को भगवान शंकर और माता पार्वती की पूजा करने के साथ-साथ व्रत रखने से भक्तों और उनके परिवार के सदस्यों को आशीर्वाद मिलता है. लोगों के जीवन में खुशहाली आती है और सुख-समृद्धि में बढ़ोत्तरी होती है. ये भी मान्यता है कि सावन सोमवार को शिव का जलाभिषेक करने से नौ ग्रहों का दोष दूर होता है, साथ ही हर तरह के पापों से मुक्ति भी मिल जाती है. इसके अलावा लोगों के विवाह में आ रही अड़चनें भी दूर होती हैं. इस बार सावन का महीना 22 अगस्त तक रहेगा.