शिव जी के प्रिय सावन के महीने में जितना महत्व रूद्राभिषेक का है, उतना ही महत्व बेलपत्र का भी है. शिव की पूजा में बेलपत्र का विशेष स्थान है. कहते हैं श्रावण मास में शिवलिंग पर रोजाना एक बेलपत्र चढ़ाने से भोलेनाथ बहुत जल्द प्रसन्न होते हैं और मनवांछित फल प्रदान करते हैं.
कहा जाता है कि तीन पत्ती वाली बेलपत्र को शिवलिंग पर चढ़ाने से महादेव को शीतलता मिलती है. बेलपत्र चढ़ाने से पहले ये जरूर देख लें कि कहीं उसकी पत्तियां कटी-पिटी तो नहीं हैं. बेलपत्र की तीन पत्तियों को ब्रह्मा, विष्णु और महेश का प्रतीक माना जाता है. इसके अलावा तीन पत्तियों वाले बेलपत्र की तुलना महादेव के त्रिनेत्र से भी की जाती है. जलाभिषेक और बेलपत्र चढ़ाने के पीछे कथा ये है कि समुद्र मंथन से निकले विष को जब महादेव पी गए थे तो उनके शरीर में उत्पन्न गर्मी को शांत करने के लिए उनपर जल और बेलपत्र चढ़ाए गए थे. इसीलिए सावन के महीने में रूद्राभिषेक और बेलपत्र चढ़ाने का खास महत्व है.