16 दिसंबर यानि आज से खरमास शुरू हो गया है. खरमास के कारण करीब एक महीने तक शादी, मुंडन और गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्य नहीं किए जाते. इस एक महीने भगवान का स्मरण और तीर्थ यात्रा करना सबसे उत्तम माना गया है. मकर संक्रांति को खरमास खत्म होगा.
जब सूर्य देव गुरू बृहस्पति की राशि धनु या मीन में प्रवेश करते हैं तब खरमास लगता है. ऐसा कहा जाता है कि खरमास में सूर्य देव अपने तेज को कम कर लेते हैं. खरमास में खर का मतलब गधा और मास का मतलब महीना होता है. पौराणिक कथा के अनुसार जब सूर्य देव अपने 7 घोड़ों वाले रथ में सवार होकर ब्रह्मांड का चक्कर लगा रहे थे, तब एकाएक रथ के घोड़े थक गए. कहते हैं सूर्य देव का रथ कभी रुकता नहीं है, इसलिए थके होने के कारण उन्होंने घोड़ों को आराम दिया और उनकी जगह पर दो गधों को रथ में जोड़ लिया. गधों के कारण उनके रथ की गति धीमी पड़ गई. एक महीने बाद सूर्य देव उसी जगह पर पहुंचे और उन्होंने गधों को मुक्त कर फिर से उन घोड़ों को जोड़ लिया. इसलिए खरमास में सूर्य का प्रकाश धरती पर धीमा पड़ जाता है.