हर साल कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी यानि देवउठनी एकादशी के अगले दिन द्वादशी तिथि को तुलसी विवाह मनाया जाता है. शालिग्राम और तुलसी का विवाह इसलिए खास है क्योंकि शालिग्राम को भगवान विष्णु और तुलसी को माता लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है. भगवान नारायण की पूजा में तुलसी को हमेशा शामिल किया जाता है.
इस बार तुलसी विवाह 5 नवंबर को है. इसके साथ ही सभी शुभ एवं मांगलिक कार्यक्रमों की फिर से शुरुआत हो जाएगी. ऐसा कहा जाता है कि जो लोग भगवान शालिग्राम और तुलसी का विवाह करते हैं, उन्हें सब पापों से मुक्ति मिल जाती है और पुण्य की प्राप्ति होती है. व्यक्ति को कन्यादान के बराबर फल मिलता है. इसके अलावा वैवाहिक जीवन सुखमय हो जाता है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. तुलसी को काफी गुणकारी भी माना जाता है. कहते हैं तुलसी का पौधा 24 घंटे ऑक्सीजन देता है, इसलिए ज्यादातर घरों में आंगन में तुलसी का पौधा लगाया जाता है.