हिंदू धर्म के प्रमुख पर्वों में से एक पर्व अक्षय तृतीया है, जिसे अखा तीज भी कहते हैं. वैशाख महीने की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के दिन ही भगवान विष्णु के छठे अवतार परशुराम जी का जन्म हुआ था, इसलिए इस दिन परशुराम जयंती मनाई जाती है. इस बार ये पर्व 22 अप्रैल को पड़ रहा है.
शिव जी के परम भक्त भगवान परशुराम को अमरता का वरदान मिला हुआ था. ऐसा कहा जाता है कि उनका जन्म 6 ग्रहों के संयोग के दौरान हुआ था, इस कारण वे अत्यधिक पराक्रमी थे. कहते हैं अक्षय तृतीया के दिन भगवान परशुराम की पूजा करने से ज्ञान और यश प्राप्त होता है. इसी दिन भागीरथ की कठोर तपस्या और शिव कृपा के कारण मां गंगा का स्वर्ग से धरती पर आगमन हुआ. अक्षय तृतीया के दिन गंगा स्नान से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं. ऐसा माना जाता है कि मां अन्नपूर्णा का जन्म भी इसी दिन हुआ था. माता अन्नपूर्णा की पूजा से घर में खाने के लिए अनाज की कमी कभी नहीं होती है. कथा ये भी है कि इसी दिन युधिष्ठिर को अक्षय पात्र प्राप्त हुआ था, जिसमें अन्न कभी समाप्त नहीं होता था.