भगवान शिव के अंशावतार और पवन देव के पुत्र कहे जाने वाले संकटमोचन हनुमान जी के हाथ में पूरे कलयुग का बागडोर है. इस कारण कलयुग में हनुमान जी की पूजा का विशेष महत्व है. प्रभु श्रीराम के अनन्य भक्त हनुमान जी का जन्मोत्सव हर साल चैत्र महीने की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को पड़ता है.
इस साल चैत्र शुक्ल पूर्णिमा तिथि 5 अप्रैल को सुबह 9:19 बजे से शुरू होकर 6 अप्रैल को सुबह 10:04 बजे तक रहेगी. उदयातिथि के कारण हनुमान जन्मोत्सव का ये पर्व 6 अप्रैल को गुरुवार के दिन मनाया जाएगा. इस दिन का महत्व इसलिए भी और बढ़ जाता है क्योंकि गुरुवार का दिन भगवान विष्णु को समर्पित माना गया है और प्रभु श्रीराम को नारायण का अवतार कहा जाता है. वहीं ज्योतिष की बात करें तो हनुमान जन्मोत्सव के दिन खास संयोग भी बन रहा है. जहां एक ओर सुख और समृद्धि के कारक ग्रह शुक्र का राशि परिवर्तन होगा, तो वहीं दूसरी ओर वे धन-धान्य के कारक ग्रह गुरु के साथ युति करके महालक्ष्मी योग बनाएंगे. ऐसा कहा जाता है कि महालक्ष्मी योग में भाग्य को बदलने की ताकत होती है.