भगवान भोलेनाथ का सबसे प्रिय श्रावण मास शुरु हो चुका है. सावन के महीने में रूद्राभिषेक का विशेष महत्व है. अगर जलाभिषेक करते समय भगवान शंकर के पवित्र 12 ज्योतिर्लिंगों का स्मरण कर लिया जाए तो शिव जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है. कहते हैं सावन में ऐसा करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं.
ऐसी मान्यता है कि श्रावण मास में अकाल मृत्यु को दूर कर दीर्घायु की कामना के लिए खास पूजा की जाती है. पौराणिक कथा के अनुसार मरकंडू ऋषि के पुत्र मारकण्डेय ने दीर्घायु के लिए ही सावन के महीने कठिन तपस्या कर शिव जी को प्रसन्न किया था. शिव की कृपा से मिली मंत्र शक्ति के कारण ही मृत्यु के देवता यमराज भी उनके प्राण नहीं हर पाए. श्रावण मास में शिव जी के पूजन से शुभत्व की प्राप्ति होती है. चाहे ब्रह्मचारी हो या गृहस्थ, कोई कन्या हो या विवाहित स्त्री,, सावन में भगवान शिव की पूजा करने से सभी को मनवांछित फल मिलता है.