मृत्यु के बाद का क्या है रहस्य, जानें

मृत्यु के बाद का क्या है रहस्य, जानें

सूर्य को आत्मा का कारक माना गया है. सूर्य पुत्र शनि जहां अच्छे और बुरे कर्मों के आधार पर व्यक्ति को उसके जीवन काल में शुभ और अशुभ फल देते हैं. वहीं सूर्य पुत्र यमराज व्यक्ति की मौत के बाद उसके कर्मों का हिसाब करते हैं.

गरुड़ पुराण के अनुसार जब किसी व्यक्ति के प्राण निकलते हैं तो यमदूत उस आत्मा को अपने साथ यमलोक ले जाते हैं. यमराज के दरबार में उस आत्मा के अच्छे और बुरे कर्मों का हिसाब होता है. एक दिन के अंदर यमदूत उस आत्मा को वापस उसके परिवार के पास छोड़ देते हैं. यहां वो आत्मा अपने परिजनों के बीच अगले 13 दिनों तक रहती है. गरुड़ पुराण के अनुसार जब यमदूत आत्मा को उसके परिजनों के पास छोड़ते हैं, उस समय उस आत्मा में इतना बल नहीं होता कि वो यमलोक की यात्रा कर सके. जब 13वें दिन पिंडदान होता है तब वो आत्मा मुक्त होकर यमलोक की ओर प्रस्थान करती है. इन 13 दिनों में किए गए पिंडदान से आत्मा को इतना बल मिल जाता है कि वो अपनी आगे की यात्रा कर सके. ये पिंडदान उस आत्मा के एक वर्ष के भोजन के बराबर होता है.

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