ज्योतिष में ग्रहों की महादशा, अंतरदशा, स्थिति और भाव के अनुसार व्यक्ति में उसका प्रभाव देखने को मिलता है. किसी कुंडली में कोई ग्रह मित्र राशि में बैठने पर शुभ फल और कोई शत्रु ग्रह के साथ बैठने पर अशुभ फल देता है.
कुंडली में शनि के किन्ही दो अन्य ग्रहों के साथ युति करने पर उनके भाव के अनुसार अलग-अलग तरह के फल दिखाई पड़ते हैं. अगर किसी कुंडली में सूर्य, शुक्र और शनि एक साथ हों तो पति-पत्नी में तनाव और नौकरी में बाधा आती है. मंगल, चंद्रमा और शनि के एक साथ होने से बीमारी का डर बना रहता है. चंद्रमा, बुध और शनि की युति होने पर व्यक्ति का मन अशांत रहता है. चंद्रमा, राहु और शनि की एक साथ युति होने पर स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां आती हैं. बुध, शुक्र और शनि के एक भाव में होने से धन की हानि होती है. मंगल, बुध और शनि की युति होने पर व्यक्ति को हर वक्त दुर्घटना का भय बना रहता है. वहीं गुरू, शुक्र और शनि के एक साथ होने के कारण व्यक्ति के जीवन में कोई ना कोई फसाद जरूर खड़ा होता है.