सृष्टि के पालनकर्ता भगवान विष्णु को एकादशी तिथि बेहद प्रिय है. भाद्रपद मास यानि भादो महीने की कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली अजा एकादशी इसबार 23 अगस्त को है. इस दिन विष्णु जी के ऋषिकेष स्वरूप का पूजन होता है. कहा जाता है इस दिन जो भी विष्णु जी की व्रत कथा सुनता है उसे मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है.
पौराणिक कथा के अनुसार एक बार सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र के जीवन में ऐसा वक्त आया कि उन्हें अपने पिछले जन्म के कर्मों के कारण काफी दुख भोगना पड़ा. उनका सारा राजपाट चौपट हो गया. राजा हरिश्चंद्र का पूरा परिवार छूट गया और वो खुद जीवन यापन करने के लिए एक चांडाल के पास काम करने लगे. वो मृतकों के शवों को अग्नि देने के लिए लकड़ियां काटकर गुजर बसर करते थे. एक दिन जंगल में उनकी मुलाकात गौतम ऋषि से हो गई और उन्होंने अपनी सारी व्यथा सुनाई. तब गौतम ऋषि ने राजा हरिश्चंद्र को अजा एकादशी का व्रत और पूजन करने की सलाह दी. इसको करने से राजा के सारे पाप नष्ट हो गए और उन्हें फिर से खोया हुआ राजपाट मिल गया. कहते हैं राजा को मृत्यु के बाद मोक्ष की भी प्राप्ति हुई.