जीवन में प्रेम का होना बहुत ज़रूरी है. ये प्रेम आपसी सामंजस्य से और गहरा होता चला जाता है. ज्योतिष की बात करें तो किसी कुंडली में शुक्र ग्रह वैवाहिक स्थिति के साथ-साथ व्यक्ति की भावनाओं को और चंद्रमा मन को नियंत्रित करता है. अगर किसी के जीवन में प्रेम संबंधों का पता लगाना हो तो कुंडली में कुछ चीजों पर गौर करना जरूरी है.
कहते हैं जब व्यक्ति का विवाह होता है तो किसी का भाग्य चमक उठता है तो किसी का सामान्य ही रह जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि जब व्यक्ति अविवाहित होता है तो उसका खुद का भाग्य काम करता है, लेकिन विवाह होने के बाद पत्नी का भाग्य भी पति के साथ जुड़ जाता है. वैसे देखा जाए तो कुंडली का सप्तम भाव वैवाहिक जीवन और पंचम भाव शिक्षा, प्रेम और संतान के बारे में बताता है. इन दोनों ही भावों पर शुभ ग्रहों की दृष्टि होने पर संबंध मधुर रहते हैं, वहीं पाप ग्रहों की दृष्टि पड़ने पर जीवन में समस्याओं का सामना करना पड़ता है.