राम के भक्तों में सबसे पहला नाम अगर किसी का आता है तो वो हैं रामभक्त हनुमान। जहां राम की भक्ति होगी वहां बजरंगबली हमेशा मौजूद रहेंगे। त्रेता युग में रामचंद्र जी ने हनुमान जी को ही कलयुग का भार संभालने की जिम्मेदारी दी थी। इसलिए अगर कोई भक्त सच्चे मन से राम का नाम ले तो निश्चित तौर पर बजरंगबली उसके कष्टों को दूर कर देते हैं।
कहा जाता है कि 16वीं सदी में महान संत कवि तुलसीदास को हनुमान जी की कृपा से ही राम के दर्शन हुए थे। हनुमान जी ने तुलसीदास से कहा था कि राम और लक्ष्मण नियमित रूप से चित्रकूट में आते रहते हैं। मैं पेड़ पर तोता बनकर बैठा रहूंगा,,,जब राम और लक्ष्मण आएंगे तो मैं आपको संकेत कर दूंगा। बस फिर क्या था हनुमान जी की आज्ञा से तुलसीदास चित्रकूट के घाट पर बैठ गए और सभी आने-जाने वालों को चंदन लगाने लगे। जब राम और लक्ष्मण आए तो हनुमान जी बोले- “चित्रकूट के घाट पे,, भई संतन की भीर। तुलसीदास चंदन घिसैं, तिलक देत रघुबीर।” हनुमान जी के ये वचन सुनकर तुलसीदास को प्रभु श्रीराम के दर्शन हुए।