नौ ग्रहों में सबसे पहले बात की जाए सूर्य की,,,तो सूर्य का संबंध पिता से होता है। इसके अलावा ताऊ और अन्य पूर्वजों से इंसान के संबंध को ज्योतिष में सूर्य की स्थिति देखकर आंकलन किया जाता है। अगर इंसान पिता, ताऊ से अपना संबंध बेहतर कर ले तो उसकी कुंडली में सूर्य की स्थिति में काफी हद तक सुधार हो सकता है।
चंद्रमा की बात करें तो माता और मौसी से इसका संबंध होता है। इसके अलावा मंगल का भाई और मित्र से, बुध का संबंध बहन, बुआ, बेटी, साली और ननिहाल पक्ष से होता है। वहीं बृहस्पति का संबंध गुरू से होता है,, हालांकि स्त्री की कुंडली में बृहस्पति ग्रह पति का प्रतिनिधित्व करता है। शुक्र ग्रह का संबंध पत्नी और स्त्री से होता है जबकि शनि का संबंध चाचा, मामा, नौकर और अपने अधीनस्थ लोगों से होता है। राहु को ससुर और साले का प्रतितिनिधित्व प्राप्त है जबकि केतु का संतान और बच्चे से संबंध है। ऐसे में जरूरी है कि रिश्ते सुधारकर ग्रहों को बेहतर किया जाए।