व्यक्ति को कर्म के अनुसार ही फल मिलता है. बुरे कर्मों का बुरा परिणाम और अच्छे कर्मों का परिणाम अच्छा होता है. कहते हैं बुरे कर्मों का फल किसी ना किसी जन्म में अवश्य भोगना…
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जटायु और भीष्म पितामह की इच्छामृत्यु में क्या फर्क था, जानें
त्रेता युग में रावण से माता सीता की रक्षा के लिए जटायु ने अपने प्राण त्याग दिए थे. ये वही जटायु थे जिन्होंने रावण की अपार शक्ति को जानते हुए भी उससे युद्ध किया और…
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