भारत के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक माता वैष्णो देवी का मंदिर जम्मू-कश्मीर में त्रिकूट पर्वत पर स्थित है. ऐसा माना जाता है कि त्रेता युग में माता ने एक सुंदर कन्या के रूप में अवतार लेकर इसी पर्वत की गुफा में तपस्या की थी. यहां माता के महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती के रूप में तीन पिंडियों के दर्शन होते हैं.
माता वैष्णो देवी की यात्रा मुख्य रूप से बाण गंगा से शुरू होती है और भैरो घाटी में जाकर खत्म होती है. यात्रा में सबसे पहला पड़ाव अर्धकुमारी है. यहां एक गुफा में माता ने 9 महीने बिताए थे. इस गुफा को गर्भजून के नाम से जाना जाता है. ऐसा कहा जाता है कि जो इस गुफा में एक बार चला जाता है वो जन्म-मरण के चक्र से मुक्त हो जाता है. अर्धकुमारी के बाद माता का दरबार आता है. वहां से 3 किलोमीटर आगे चढ़ाई करने के बाद आखिरी पड़ाव भैरो घाटी पड़ती है, जहां भैरोनाथ के दर्शन होते हैं. कहते हैं माता के दर्शन के बाद भैरोनाथ के दर्शन करना जरूरी होता है, नहीं तो यात्रा अधूरी मानी जाती है.